कांग्रेस नेता राहुल गांधी का रायबरेली में अफसरों को लेकर दिया गया एक बयान चर्चा का विषय बन गया है। इस पर यूपी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने मीडिया को संबोधित करते हुए पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान हास्यास्पद है। बैठक में राहुल गांधी ने किसी से परिचय नहीं लिया था बल्कि सभी अफसरों ने खुद अपना परिचय दिया था।उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि न्यायपालिका में दलित, ओबीसी और आदिवासी समाज के लोग नहीं हैं। इन जजों को मोदी सरकार ने नहीं कांग्रेस की सरकार में नियुक्त किया गया था। दलितों और पिछड़ों के साथ कांग्रेस ने अन्याय किया है। मोदी और योगी सरकार में किसी के साथ अन्याय नहीं होता है।
बता दें कि नेता विपक्ष व सांसद राहुल गांधी ने जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक के अगले दिन नागपुर में आयोजित एक संविधान सम्मेलन में प्रशासनिक व्यवस्था में असमानता की बात रखी। उन्होंने कहा कि मैं मंगलवार को रायबरेली में दिशा की बैठक में शामिल हुआ। गलती से मैंने कह दिया कि सभी अफसर अपना परिचय दें। परिचय शुरू हुआ तो उसमें मुझे एक भी दलित व ओबीसी नाम नहीं सुनाई दिया। राहुल गांधी का यह बयान पूरे दिन क्षेत्र में चर्चा का विषय बना रहा। राहुल गांधी ने कहा कि रायबरेली में 80 प्रतिशत अधिकारी दो विशेष जातियों से हैं।