लखीमपुर खीरी में भूमि पैमाइश मामले में घूसखोरी और लापरवाही पर प्रदेश सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए एक IAS और तीन PCS अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। 2014 बैच के IAS घनश्याम सिंह PCS अधिकारी अरुण कुमार सिंह विधेश सिंह और रेनू को राजस्व परिषद से संबद्ध किया गया है। एक वीडियो में विधायक योगेश ने सेवानिवृत्त शिक्षक की भूमि पैमाइश में घूस लेने की शिकायत की थी।
प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी में खेत की पैमाइश लटकाए जाने के मामले में एक आइएएस व तीन पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। सरकार ने इन अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया है। नियुक्ति विभाग ने वर्ष 2014 बैच के आइएएस अधिकारी अपर आयुक्त लखनऊ मंडल घनश्याम सिंह और पीसीएस अधिकारी अरुण कुमार सिंह एडीएम (एफ/आर) बाराबंकी, विधेश सिंह नगर मजिस्ट्रेट झांसी और रेनू उप जिलाधिकारी बुलंदशहर को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
ये चारों ही अधिकारी अलग-अलग समय पर लखीमपुर खीरी में उप जिलाधिकारी के पद पर तैनात रहे हैं और पैमाइश के मामलों को लटकाए रखने के दोषी पाए गए हैं। लखीमपुर खीरी के सदर विधायक योगेश वर्मा का बीते माह इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वह स्कूटी पर बैठकर कलक्ट्रेट परिसर गए और एसडीएम से लेकर कानूनगो की शिकायत करते हुए नजर आए।
इस वीडियो में विधायक कह रहे थे कि सेवानिवृत्त शिक्षक विश्वेश्वर दयाल की भूमि की पैमाइश के लिए घूस में पांच हजार रुपये लिए गए, उसे रुपये वापस कराइए। वीडियो वायरल होने के बाद सरकार ने इसका संज्ञान लेते हुए नियुक्ति विभाग से पूरे मामले की जांच कराई। नियुक्ति विभाग ने लखीमपुर खीरी के जिलाधिकारी से इसकी रिपोर्ट मांगी।
छह वर्ष पहले यानी वर्ष 2019 के बाद कौन-कौन उप जिलाधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार वहां तैनात रहे हैं, और उन्होंने पैमाइश के मामले में क्या कार्रवाई की। रिपोर्ट के आधार पर इन चारों अधिकारियों को सरकार ने निलंबित कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि राजस्व विभाग के संबंधित दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।