भारत को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी। यहां के केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और इंटरपोल के साथ एक अभियान चलाया। इस अभियान का ही नतीजा है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के एक सदस्य को रवांडा से देश में वापस लाया जा रहा है। इसके खिलाफ बंगलूरू में आतंकी साजिश रचने के लिए इंटरपोल रेड नोटिस जारी किया गया था।
सीबीआई ने बताया कि एनआईए ने सलमान रहमान खान के खिलाफ आपराधिक साजिश, आतंकवादी संगठन का सदस्य होने और आतंकवादी संगठन को सहायता प्रदान करने तथा शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम से संबंधित अपराधों से संबंधित मामला दर्ज किया था। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा (एलईटी) का सदस्य है।
अधिकारी ने आगे बताया कि एलईटी का सदस्य होने के नाते सलमान रहमान खान बंगलूरू में आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक उपलब्ध कराने में सहायता करता था। सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘केंद्रीय जांच ब्यूरो के ग्लोबल ऑपरेशंस सेंटर ने सलमान रहमान खान की रवांडा से भारत वापसी के लिए एनआईए और इंटरपोल नेशनल सेंट्रल ब्यूरो-किगाली के साथ समन्वय किया।’
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2023 में बंगलूरू में आतंक फैलाने की आपराधिक साजिश से संबंधित मामला दर्ज किया था। साथ ही बंगलूरू के हेब्बल पुलिस स्टेशन में भी एक एफआईआर दर्ज की गई थी। एनआईए के अनुरोध पर सीबीआई ने इस साल की दो अगस्त को इंटरपोल से खान के खिलाफ रेड नोटिस जारी करवाया था। वांछित अपराधी की तलाश के लिए इसे वैश्विक स्तर पर सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजा गया था। बाद में पता चला कि खान रवांडा में है। सीबीआई ने रवांडा की राजधानी और सबसे बड़े शहर किगाली में इंटरपोल के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो से सहायता मांगी। अधिकारी ने कहा कि आतंकी को आज यानी 28 नवंबर को वापस भारत लाया जा रहा है।
बता दें, खान की वापसी इंटरपोल के साथ समन्वय में इसी तरह के ऑपरेशन के तुरंत बाद हुई है, जिसमें दो आरोपियों – एक सीबीआई द्वारा वांछित और दूसरा केरल पुलिस द्वारा – को सऊदी अरब से वापस लाया गया था। बरकत अली खान, जिसके पास इंटरपोल रेड नोटिस था, 2012 के दंगा और विस्फोटक पदार्थों के इस्तेमाल के मामले में वांछित था। उसे 14 नवंबर को सऊदी अरब से वापस लाया गया था। रेहान अरबिकलारिक्कल, जिसके खिलाफ भी इंटरपोल रेड नोटिस था और जो नाबालिग के साथ दुष्कर्म और यौन अपराध करने के लिए केरल के पट्टांबी में पुलिस द्वारा वांछित था, को 10 नवंबर को सऊदी अरब से लाया गया था।
सीबीआई ने कहा, ‘भारत में इंटरपोल के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में सीबीआई इंटरपोल चैनलों पर सहयोग के लिए भारत में सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के साथ निकटता से समन्वय करती है। 2021 से, इस साल 26 सहित 100 से अधिक वांछित अपराधियों को इंटरपोल चैनलों के माध्यम से समन्वय के माध्यम से भारत वापस लाया गया है।’
वहीं, रवांडा की जांच ब्यूरो (आरआईबी) ने बताया कि सलमान को भारतीय अधिकारियों के अनुरोध पर सितंबर की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था। आरआईबी के महासचिव जीनोट रुहुंगा ने कहा कि भारत में आतंकवाद के आरोपों का सामना कर रहा 40 वर्षीय शख्स रवांडा की राजधानी में एक छोटी सी दुकान चला रहा था। हालांकि, रवांडा के अधिकारियों ने आतंकवादी समूह के नाम की पुष्टि नहीं की है।
रवांडा के राष्ट्रीय प्रसारक आरबीए ने एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि किगाली अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर खान को भारतीय अधिकारियों को सौंपे जाने से पहले उसे हथकड़ी बांधी। इसके बाद दो पुलिस अधिकारियों के बीच बैठाया। वहीं, आरआईबी में अंतरराष्ट्रीय अपराध मामलों के प्रमुख जॉन बोस्को सिबोयिन्तोरे ने कहा कि उसे इस आतंकी समूह का मुख्य संदिग्ध माना जाता था और वह भारत के खिलाफ कट्टरपंथ और आतंकवादी गतिविधियों में कथित तौर पर शामिल था। उन्होंने कहा कि रवांडा और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि नहीं है, लेकिन न्याय विभाग ने पारस्परिकता के सिद्धांत पर इस अनुरोध को मंजूरी दे दी है।