आजकल के भागदौड़ भरे लाइफस्टाइल में सही तरह खानपान का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। गलत खानपान और देर रात तक जागने के चलते तनाव और शरीर में आवश्यक खनिजों की कमी हो जाती है, जिसकी वजह से थायरॉयड की समस्या हो जाती है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, थायरॉयड हार्मोन बनाने के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती है, इसलिए आपके आहार में खनिज की कमी से हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है। थायरॉइड की समस्या को कंट्रोल में करने के लिए रसोई में रखा हरा धनिया बहुत फायदेमंद हो सकता है। चलिए आपको बताते हैं थायरॉइड से जुड़ी कितनी प्रकार की समस्या होती है और धनिया थायरॉइड (Dhaniya For Thyroid) को कैसे कंट्रोल कर सकता है।
क्या होता है थायरॉइड
थायरॉइड गर्दन के निचले हिस्से में स्थित तितली के आकार की एक ग्रंथि है। यह शरीर की कई गतिविधियों को नियंत्रित करती है, जैसे कि दिल की धड़कन, सांस, पाचन तंत्र, शरीर का तापमान, हड्डियां, मांसपेशियां और कोलेस्ट्रॉल आदि। थायरॉइड ग्रंथि से निकलने वाले हॉर्मोन को थायरॉइड हॉर्मोन कहते हैं। इन हॉर्मोन में असंतुलन होने पर थायरॉइड से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
थायरॉइड से जुड़ी दो तरह की समस्या होने का खतरा
हाइपो-थायरॉइडिज्म
जब थायरॉइड ग्रंथि शरीर के लिए जरूरी मात्रा में हॉर्मोन नहीं बना पाती, तो इसे हाइपो-थायरॉइडिज्म कहते हैं। ऐसे में शरीर पहले जैसा एक्टिव नहीं रहता और शरीर जल्दी थक जाता है।
हाइपर-थायरॉइडिज्म
जब थायरॉइड ग्रंथि ज्यादा हॉर्मोन बनाती है, तो इसे हाइपर-थायरॉइडिज्म कहते हैं। हाइपर-थायरॉइडिज्म होने वाले पर मरीज की स्थिति बहुत ज्यादा कैफीन लेने वाले मरीजों की तरह हो जाती है। हालांकि, थायरॉइड को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए खानपान और डेली रूटीन में कुछ बदलाव करना बहुत असरदार हो सकता है।
थायरॉइड को कंट्रोल करने के लिए धनिया बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। धनिया (Coriander) को आयुर्वेद में औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है और यह थायरॉइड को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। थायरॉइड से जुड़ी समस्याओं में, विशेष रूप से हाइपोथायरॉइडिज्म (थायरॉइड हार्मोन का कम उत्पादन) के लिए धनिया उपयोगी हो सकता है।
धनिया कैसे थायरॉइड को करेगा कंट्रोल
डिटॉक्सिफिकेशन में मदद
धनिया के बीज और पत्ते शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होते हैं, जिससे थायरॉइड ग्रंथि का कार्य संतुलित रहता है। यह किडनी को शुद्ध करता है और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाता है।
एंटीऑक्सीडेंट गुण
धनिया में विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो थायरॉइड ग्रंथि पर ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर सकते हैं।
आयोडीन संतुलन
थायरॉइड हार्मोन का उत्पादन आयोडीन के स्तर पर निर्भर करता है। धनिया आयोडीन अवशोषण को बढ़ाने में सहायक हो सकता है।
एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव
धनिया सूजन को कम करता है, जो थायरॉइड की समस्याओं से जुड़े लक्षणों को कम कर सकता है।
थायरॉइड के लिए धनिया का उपयोग कैसे करें
- 1-2 चम्मच धनिया बीज को रातभर पानी में भिगो दें।
- सुबह इसे उबालकर छान लें और गुनगुने रूप में पिएं।
धनिया पत्तियों का सेवन
ताजी धनिया पत्तियों को सलाद, सूप या चटनी के रूप में आहार में शामिल करें।
धनिया का काढ़ा
धनिया बीज को पानी में उबालकर दिन में एक बार काढ़ा के रूप में पिएं।
थायरॉइड में धनिया के सेवन की सावधानियां
धनिया का उपयोग थायरॉइड को नियंत्रित करने में सहायक है, लेकिन यह डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का विकल्प नहीं है। अधिक मात्रा में धनिया का सेवन करने से हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है, इसलिए संतुलित मात्रा में ही लें। किसी भी नई विधि को शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें, विशेष रूप से यदि आप पहले से दवा ले रहे हैं।
इसके अलावा धनिया का सेवन हार्ट, इम्यूनिटी, सिरदर्द, मुंह में छाले, सांसों की दुर्गंध समेत कई बीमारियों के लिए फायदेमंद होता है। यहां जानिए धनिया के फायदे…
यह एक सामान्य जानकारी है इसको अमल मिलने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले