मार्गशीर्ष अमावस्या को अगहन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। ये अमावस्या बेहद पवित्र और शुभ फलदायी मानी जाती है। पंडित सुजीत जी महाराज अनुसार जो लोग पितृ दोष से पीड़ित हैं उन्हें इस अमावस्या पर कुछ खास उपाय जरूर करने चाहिए। क्योंकि ये अमावस्या पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है। ये अमावस्या 1 दिसंबर को पड़ रही है। चलिए जानते हैं इस दिन किन उपायों को करने से पितृ दोष से छुटकारा मिल जाएगा।
मार्गशीर्ष अमावस्या उपाय
- पितृ दोष से पीड़ित लोग सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान जरूर करें।
- इसके बाद सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करें।
- इसके बाद जल में तिल प्रवाहित करें और इस दौरान गायत्री मंत्र का जप करें।
- फिर भगवान विष्णु और भगवान शिव की विधि विधान पूजा करें।
- किसी नदी या घाट के तट पर पितरों का तर्पण जरूर करें।
- इसके अलावा इस दिन व्रत रखें।
- यथाशक्ति के अनुसार अपने पितरों के नाम से जरूरतमंदों को भोजन कराएं और जरूरी वस्तुओं का दान करें।
- मान्यता है ऐसा करने से पितृ दोष से छुटकारा मिल जाता है।
अमावस्या को गीता के सप्तम अध्याय का पाठ अवश्य करना चाहिए।प्रयास करें एकदम ब्रम्ह मुहूर्त में हो तो बहुत श्रेयस्कर है।पितृ दोष के शमन के लिए यह बहुत सुंदर उपाय है। यह मार्गशीर्ष माह चल रहा है। भगवान कृष्ण ने गीता में इसको सर्योत्तम माह कहा है। अमावस्या 30 नवम्बर 10:29 am से 01 दिसम्बर 11:50 am तक है। उदया तिथि ही मान्य है। 01 दिसम्बर को ब्रम्ह मुहूर्त में यह पाठ करने का बहुत अच्छा रहेगा।