राकांपा नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड मामले में मुंबई पुलिस ने 26 आरोपियों पर मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) लगाया। इस मामले में अभी भी तीन आरोपी वांछित हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। बता दें कि बाबा सिद्दीकी को 12 अक्तूबर की रात उनके बेटे और कांग्रेस नेता जीशान सिद्दीकी के ऑफिस से बाहर निकलने के दौरान गोली मारी गई थी। जिसके बाद लीलावती अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।
क्या है मकोका कानून : महाराष्ट्र सरकार ने 1999 में मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) बनाया था। इसका मुख्य मकसद संगठित और अंडरवर्ल्ड अपराध को खत्म करना था। 2002 में दिल्ली सरकार ने भी इसे लागू कर दिया। फिलहाल महाराष्ट्र और दिल्ली में यह कानून लागू है। इसके तहत संगठित अपराध जैसे अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराधी, जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, हत्या या हत्या की कोशिश, धमकी, उगाही सहित ऐसा कोई भी गैरकानूनी काम जिससे बड़े पैमाने पर पैसे बनाए जाते हैं, मामले शामिल है।
क्या है सजा? मकोका के तहत पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने के लिए 180 दिन का वक्त मिल जाता है, जबकि आईपीसी के प्रावधानों के तहत यह समय सीमा सिर्फ 60 से 90 दिन है। मकोका के तहत आरोपी की पुलिस रिमांड 30 दिन तक हो सकती है, जबकि आईपीसी के तहत यह अधिकतम 15 दिन होती है। इस कानून के तहत अधिकतम सजा फांसी है, वहीं न्यूनतम पांच साल जेल का प्रावधान है।