चावल एक नूट्रिशन फ़ूड है, लेकिन चावल का सेवन ज्यादा मात्रा में किया जाए तो वजन बढ़ सकता है. खासकर अगर आप कैलोरी का बैलेंस नहीं बनाएंगे तो. रात में चावल खाने से वजन बढ़ने का कोई खास प्रूफ नहीं है, लेकिन देर रात का भोजन डाइजेशन को इफ़ेक्ट कर सकता है.
चावल खाने से पेट फूलने की स्थिति तब हो सकती है जब शरीर उसे पूरी तरह से डाइजेस्ट नहीं कर पाता. दाल-चावल एक बैलेंस डाइट है, जो प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत हैं लेकिन इसका अधिक सेवन भी वजन बढ़ा सकता है. संतुलित आहार और फिजिकल एक्टिविटी से इसे कंट्रोल किया जा सकता है. साउथ इंडिया में चावल सबसे अधिक खाया जाता है, लेकिन यहां के लोग रेगुलर डाइट में चावल खाने के बाद भी मोटे नहीं होते, इसका कारण उनके फ़ूड और लाइफस्टाइल में छिपा है.
चावल पकाने का सही तरीका
चावल खाने से मोटापा बढ़ेगा यह कई कारणों पर डिपेंड करता है. सफ़ेद चावल में बहुत अधिक मात्रा में कैलोरी होती है और यदि इसे ज्यादा खाया जाए तो शरीर में कैलोरी बढ़ जाती है. ऐसे में शरीर में कैलोरी की मात्रा कंसम्पशन से ज्यादा हो जाए तो वजन बढ़ सकता है. सफेद चावल में फाइबर और पोषक तत्व कम होते हैं क्योंकि इसे रिफाइन और पोलिश किया जाता है. यह जल्दी पच जाता है और ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा देता है. जिससे बार-बार भूख लगने लगती है. जब चावल तेल, मक्खन या सॉस के साथ पकाया जाता है, तो उसकी कैलोरी कंटेंट बढ़ जाती है. तले हुए चावल (Fried Rice) में उबले हुए चावल की तुलना में अधिक कैलोरी होती है, क्योंकि इसमें ऑयल और दूसरी सामग्री शामिल होती हैं. चावल का सेवन अक्सर कैलोरी से भरपूर करी या फ्राई जैसी डिश के साथ किया जाता है. जिससे कुल कैलोरी की खपत और भी बढ़ जाती है. इस वजह से वजन बढ़ सकता है.
चावल खाने से वजन बढ़ने को लेकर साइंस क्या कहता है ?
जर्नल ऑफ ओबेसिटी में पब्लिश्ड एक रिसर्च के अनुसार, सफेद चावल का अधिक सेवन खासकर उन लोगों के लिए जिनकी फिजिकल एक्टिविटी ना के बराबर है वाले लोगों में वजन बढ़ने के रिस्क को बढ़ा सकता है. सफेद चावल में फाइबर और पोषक तत्व कम होते हैं, जिससे यह जल्दी पचता है और ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है. दूसरी ओर, अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन के रिसर्च में यह पाया गया कि साबुत अनाज, जैसे ब्राउन राइस वजन घटाने में मददगार हो सकते हैं. इन अनाजों में अधिक फाइबर होता है, जो भूख को कंट्रोल करता है और लंबे समय तक तृप्ति बनाए रखता है.
क्या है चावल बनाने का सही तरीका ?
साउथ इंडिया में लोगों के दोनों वक्त के खाने में चावल शामिल होता है. लेकिन फिर भी उनका वजन नहीं बढ़ता इसके पीछे वहां के लोगों के द्वारा चावल बनाने का तरीका है. वहां के लोग पलाइन चावल का अपने खाने में इस्तेमाल करते है यानी कि वे बिना पोलिश किया हुआ चावल खाते हैं. यह चावल नेचुरल नुट्रिएंट्स (Natural Nutrients ) और फाइबर (Fiber) से भरा होता है. इसके अलावा वे चावल को कूकर की जगह पतीले में बनाते है. ऐसे में जब पकते समय इसके ऊपर सफ़ेद झाग आता है तो वे इसे हटा देते है. ऐसा करने से यदि चावल में कोई अन्य कैमिकल का इस्तेमाल किया गया होता है तो वह भी साफ़ हो जाता है.
साउथ इंडियन्स की डाइट में चावल के अलावा अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थों (Nutritious Foods) का भी महत्वपूर्ण स्थान है, जैसे सांभर, सब्जियां,और नारियल. सांभर प्रोटीन और फाइबर का अच्छा स्रोत है, जबकि सब्जियां विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं. नारियल भी गुड फैट का स्रोत है और इसे खाने से शरीर को जरूरी पोषण मिलता है. यह सभी खाद्य पदार्थ भोजन को संतुलित और स्वस्थ बनाते हैं. जिससे साउथ इंडियन आहार से मोटापे और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव में सहायक होता है. इसके अलावा, इन खाद्य पदार्थों का सेवन पाचन तंत्र को भी स्वस्थ रखता है.