ब्लड ग्रुप O पॉजिटिव (O+) में कुछ विशेषताएँ हैं, जो इसे अन्य ब्लड ग्रुप्स से अलग बनाती हैं। यदि आपका ब्लड ग्रुप O पॉजिटिव (O+) हैं तो आप जान लें की इस ब्लड ग्रुप में क्या खास हैं तथा इस ब्लड ग्रुप के लोग ऐसे होते हैं।
ब्लड ग्रुप O पॉजिटिव में क्या है खास?
सामान्य ब्लड ग्रुप: ब्लड ग्रुप O पॉजिटिव दुनिया का सबसे सामान्य ब्लड ग्रुप है। यह दुनिया की लगभग 37-40% जनसंख्या में पाया जाता है। भारत में भी O+ का बहुत व्यापक प्रसार है।
सबसे विशेष ग्रुप: O पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को A, B, AB, और O ब्लड ग्रुप के व्यक्तियों से रक्तदान किया जा सकता है। हालांकि O- (O निगेटिव) को यूनिवर्सल डोनर माना जाता है, लेकिन O+ के लिए भी अन्य ब्लड ग्रुप्स से रक्तदान की संभावना होती है।
पॉजिटिव Rh फैक्टर: O+ ब्लड ग्रुप के साथ Rh पॉजिटिव होता है, यानी इसमें Rh एंटीजन मौजूद होता है। यह ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए उसे सुरक्षित बनाता है, क्योंकि Rh पॉजिटिव ब्लड समूह के लिए Rh नेगेटिव ब्लड से कम रिस्क होता है।
इन्फेक्शंस से कुछ हद तक सुरक्षा: शोध बताते हैं कि O ग्रुप के लोग कुछ वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ कुछ हद तक अधिक प्रतिरोधक होते हैं। उदाहरण के लिए, O ग्रुप के व्यक्तियों में मलरिया और कुछ अन्य बुखारों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है।
हार्ट डिजीज का जोखिम कम: O ग्रुप के व्यक्तियों में, विशेष रूप से O- वाले, हृदय रोगों का खतरा कम होता है। यह ब्लड ग्रुप रक्त के थक्के जमने की प्रक्रिया को रोकने में मदद करता है, जिससे दिल के दौरे और अन्य हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम कम होता है।
रक्त दान में अहम भूमिका: O+ ब्लड ग्रुप वाले व्यक्तियों का रक्त दान के लिए हमेशा जरूरत होती है, क्योंकि यह अन्य ब्लड ग्रुप्स के लिए आसानी से उपयोग किया जा सकता है, खासकर आपातकालीन स्थितियों में।
गर्भावस्था में प्रभाव: O+ महिलाओं के लिए गर्भावस्था में Rh पॉजिटिव होने पर कोई विशेष समस्या नहीं होती, लेकिन Rh निगेटिव महिलाओं के लिए यदि उनका बेबी Rh पॉजिटिव हो तो सावधानी बरतनी पड़ती है।