निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद भदोही पहुंचे। उन्होंने गोपीगंज स्थित बाबा बड़े शिव धाम में दर्शन-पूजन किया। मस्जिदों पर चल रहे सर्वे और साध्वी प्राची के बयान कि ‘देवबंद के दारुल उलूमा और मस्जिद की खुदाई कराई जाए तो मंदिर निकलेगा’, का उन्होंने समर्थन किया। कहा कि यह विषय बयान का इसलिए नहीं है, क्योंकि मंदिर निकलेगा नहीं, बल्कि मंदिर ही है।
स्वामी कैलाशानंद ने सवाल उठाया कि इस्लाम कब आया? इस्लाम को आए तो 2000 वर्ष भी नहीं हुआ अभी, तो उस जगह पर इस्लाम और मस्जिद की स्थापना कैसे हुई? इसलिए कोर्ट पर दोनों पक्षों को भरोसा करना चाहिए। आज नहीं तो कल अयोध्या की तरह ही फैसला जरूर आएगा। उन्होंने देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रही हिंसा का कड़े लहजे में विरोध किया। कहा कि बांग्लादेश में जिस तरह की घटना हो रही है, भारत ही नहीं पूरी दुनिया में जो भी सनातनी हैं, जिनमें थोड़ी भी मानवता है, वह आज बांग्लादेश को कोस रहे हैं।
कहा कि बांग्लादेश इस तरह से हमारे स्कूलों, मंदिरों व हिंदू के अन्य स्थानों पर स्वामित्व और स्वामियों को नष्ट भ्रष्ट करने का प्रयास कर रहा है। मुझे लगता है कि यह एक ईश्वरीय प्रेरणा है, बांग्लादेश पर जरूर कोई न कोई बड़ी आपदा विपदा आने वाली है। कहा कि सनातनी सदैव सहृदयी, सहिष्णुता वादी है। हम लोग मार-काट पर विश्वास नहीं करते हैं। वहीं इल्तिजा मुफ्ती के एक्स (X) पर आए पोस्ट पर उन्होंने कहा कि हिंदू कभी न किसी को जबरन राम बुलवाता है, ना राम कहने की प्रेरणा देता है। सनातनियों से इतर जो लोग हैं, हमने उसको कभी बाधित नहीं किया कि आप राम बोलो। यह तो एक भड़काने की बात है, जो गैर सनातनी हैं वह सनातनियों को समाप्त करने का कुचक्र रचते रहते हैं।
उन्होंने प्रयागराज में लगने जा रहे महाकुंभ की महत्ता भी बताई। कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री की सनातनीय आस्था और महाकुंभ के आयोजन के प्रति बेहद श्रद्धा है। महाकुंभ ऐसा महापर्व है, जिसमें भारत ही नहीं, दुनिया के उन सभी लोगों की आने की इच्छा रहती है।