बंगलूरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष ने जुलाई 2024 में परिवार न्यायालय में जज रीता कौशिक के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए थे। बयान में अतुल ने कहा था, मेरी सास निशा मुझसे अक्सर रुपये उधार लेती थी। इस कारण मेरे और सास के बैंक खाते से कई बार लेन-देन हुआ था। निकिता, उसकी मां निशा और उसके भाई अनुराग के खाते में पैसे भेजे थे। निकिता दिमागी रूप से मजबूत है, लेकिन लापरवाह है। मुझे शक है कि उसका संबंध किसी अन्य लड़के से है, ऐसा उसकी हरकतों को देखकर लगता है।
बयान के मुताबिक, पति-पत्नी के बीच विवाद के बाद निकिता अपनी मां के साथ जौनपुर लौट आई थी। 6 मई 2021 को रात 9:44 बजे निकिता ने मुझे मैसेज किया और लिखा कि मैं जा रही हू्ं। वह मेरे बच्चे व्योम को भी अपने साथ ले गई और धमकी दी कि मेरे घर जौनपुर आए तो तुम्हारे हाथ-पैर तुड़वा दूंगी। उसके जौनपुर जाने तक का टिकट भी मैंने ही कराया था। जौनपुर पहुंचने के बाद निकिता ने मेरे खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा कोतवाली थाने में दर्ज कराया था।
घर लौटने से पहले तक मेरे और निकिता के संबंध कभी अच्छे तो कभी खराब थे। निकिता के जाने के बाद उसकी मम्मी निशा ने मुझे पैसे बैंक खाते में लौटाए, जो मैंने उनको उधार दिए थे। निकिता के जाने के बाद वेतन व एफडी का पैसा अपने और छोटे भाई विकास के खाते में मंगा लिया था। ऐसे कई लेनदेन अतुल और उसके ससुराल पक्ष के लोगों के बीच हुए थे, जो जांच में सामने आएंगे।
बंगलूरू में आत्महत्या करने वाले अतुल सुभाष के तीन मुकदमों की कार्यवाही की ऑर्डर शीट की नकल शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेज दी गई। मुकदमों की पत्रावली अब भी जिला एवं सत्र न्यायालय में सुरक्षित है। इसकी पुष्टि जिला एवं सत्र न्यायालय के प्रशासनिक कार्यालय की गई है। बताया गया है कि अतुल के खिलाफ अलग-अलग अदालतों में पांच मुकदमे दर्ज कराए गए थे। दो मुकदमे वापस हो गए थे। तीन का मामला अदालत के विचाराधीन है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या का स्वतः संज्ञान सुप्रीम कोर्ट ने लिया था। साथ ही पूरे मामले की रिपोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट से तलब की थी। अब जिला एवं सत्र न्यायालय के प्रशासनिक कार्यालय ने शुक्रवार को मुकदमों से संबंधित ऑर्डर शीट की नकल हाईकोर्ट भेज दी है। मामले की जांच हाईकोर्ट अपने स्तर से करा रहा है। इसकी चर्चा न्यायिक अधिकारियों में भी है।
आत्महत्या करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष पर फैमिली कोर्ट में भरण पोषण, दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और तलाक के चार मामले चल रहे थे। इसके लिए वह हर तारीख पर बंगलूरू से जौनपुर आते थे। दूसरी तरफ, अदालत के आदेश पर अतुल सुभाष हर महीने बेटे के भरण पोषण के लिए 40 हजार रुपये दे रहे थे। यह स्थिति तब थी, जब अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया की मासिक सैलरी 78 हजार रुपये है। इंजीनियर अतुल सुभाष ने बंगलुरू में आत्महत्या की। उन्होंने 23 पेज का सुसाइड नोट भी लिखा है।
आरोप लगाया था कि 26 जून 2019 को उसकी शादी अतुल मोदी से हुई थी। विवाह के बाद से ही ससुराल के लोग 10 लाख रुपये दहेज की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित करते थे। इस सदमे में उसके पिता (निकिता के) की मृत्यु हो गई। परिवार वालों के समझाने पर अतुल उसे बंगलूरू ले गया और 20 फरवरी 2020 को उसे एक बेटा हुआ। इसके बावजूद प्रताड़ना जारी रही। 17 मई 2021 को उसे पीटकर घर से निकाल दिया गया। तब से वह अपने बच्चे के साथ मायके में रह रही है।
निकिता ने अदालत को बताया कि अतुल मोदी बंगलूरू में एक कंपनी में इंजीनियर है। वह सालाना 40 लाख रुपये वेतन पाता है। निकिता ने 16 जनवरी 2022 को अपने और बेटे के लिए दो लाख रुपये प्रतिमाह भरण पोषण की मांग करते हुए फैमिली कोर्ट में मामला दर्ज कराया था, जबकि निकिता की ही सैलरी अच्छी खासी है। कोर्ट ने 29 जुलाई 2024 को पत्नी के संबंध में भरण पोषण का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया।
साथ ही साथ ही अतुल को आदेश दिया था कि वो बेटे के भरण पोषण के लिए हर महीने 40 हजार रुपये दे। दहेज उत्पीड़न के मुकदमे में भी अतुल सुभाष मोदी ने कोर्ट में हाजिर होकर जमानत कराई थी। घरेलू हिंसा का मुकदमा अभी चल रहा था। मामले की सुनवाई 12 दिसंबर को होनी थी।