राजधानी लखनऊ के कैसरबाग स्थित उमराव जान रेस्टोरेंट में सदी के महान गायक मोहम्मद रफ़ी साहब के 100 वें जन्मदिवस को धूम-धाम से मनाया। मुख्य अतिथि पूर्व सांसद दाऊद ने कहा की मो. रफी जैसा फनकार न हुआ है न होगा। उनकी गायकी में जो जादू था वो लोगों को अपने में बांधे रखता था। कार्यक्रम का आयोजन मोहम्मद अली साहिल, खुर्शीद खान राजू और बिलाल सहारनपुरी , फोटो वायस की संपादक मंजू श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अन्तर्राष्ट्रीय शायर वासिफ़ फ़ारूक़ी ने की।
इस अवसर पर अतहर नबी ने रफी साहब की यादो को ताज़ा करते हुए कहा कि उन्हें इस बात पर फख्र है कि रफी साहब को उन्होंने लखनऊ में बुलाया था और उनकी विनम्रता की बात कहते हुए वह काफी भावुक हो गये। वासिफ़ फारूक़ी ने कहा कि उन्होंने रफ़ी साहब को रू-ब-रू सुना है और उनकी विनम्रता का आलम ये था कि उन्होंने उस वक्त की महफिल में अपने नग़मों से पहले महेन्द्र कपूर के नग़मों को गाया था।
कार्यक्रम में लोक कलाकार शिक्षिका ज्योति किरन अवस्थी रतन,शायर मलिकज़ादा जावेद, अहमद जमाल, आमिर मुख्तार, अतहर नबी, क़मर अली,अरशद आज़मी, वसीम हैदर, परवेज़ मलिकज़ादा, एड0 सलाउददीन, मेराज हैदर, एड0 आरिफ हाशमी, एड0 अनल्प चन्द्रा,अब्दुल कादिर, अरविन्द सिंह, कलीम अहमद, इरशाद अहमद,अज़ीज़ सिददीक़ी, अब्दुल वहीद,जुबैर अहमद, मुर्तज़ा सिददीक़ी, नूर आलम, अहसन रईस, शकील सिददीक़ी, जुबैर खान, मारिया आलम उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन आर0जे0 अनवारूल हसन ने किया।