पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार 26 दिसंबर को नई दिल्ली के एम्स में निधन हो गया था। उन्हें आधुनिक भारत के आर्थिक सुधारों के वास्तुकार के रूप में जाना जाता है। केंद्रीय सरकार ने उनके सम्मान में एक जनवरी 2025 तक सात दिनों के लिए राजकीय शोक घोषित किया है। इसके साथ ही सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में पूर्व पीएम का स्मारक बनाने की घोषणा की। केंद्रिय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और मनमोहन सिंह के परिवार को सूचित किया है कि सरकार स्मारक के लिए जगह आवंटित करेगी। अब पूर्व प्रधानमंत्री के स्मारक के लिए जगह आवंटित करने के मुद्दे पर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस ने सरकार पर पूर्व प्रधानमंत्री की स्मारक के लिए जगह नहीं ढूंढ पाने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे मनमोहन सिंह का अपमान बताया। हालांकि, पूर्व पीएम के स्मारक के लिए जगह आवंटित करने के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी ने भी प्रतिक्रिया दी। पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार की सोच कितनी घिनौनी है।
संजय सिंह ने कहा, “यह दिखाता है कि सरकार की सोच कितनी घिनौनी है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूछना चाहता हूं कि आप मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए राजघाट परिसर में जगह देने को तैयार क्यों नहीं हैं? यह पार्टी खुद को सबसे संस्कारी बताती है। आप मुझे ऐसे एक पीएम का नाम बताएं जिनका अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किया गया है। सिख समुदाय कितना अपमानित महसूस कर रही है।”
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित करने के मुद्दे पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार को आगे आकर घोषणा करनी चाहिए थी कि अटल बिहारी वाजपेयी की तरह उनके लिए भी एक स्मारक बनाया जाएगा। मनमोहन सिंह पिछले 10 वर्षों तक प्रधानमंत्री थे।”