अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह, जो महिला अध्ययन संस्थान द्वारा संस्कृतिकी, लखनऊ के सहयोग से आयोजित किया गया था कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के दूरदर्शी नेतृत्व में संपन्न हुआ।
अपने संबोधन में कुलपति ने समानता और समावेशिता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि समाज में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि व्यक्तियों का मूल्यांकन उनकी क्षमताओं के आधार पर किया जाना चाहिए और उन्हें उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए समान अवसर प्रदान किए जाने चाहिए।
इस कार्यक्रम की शोभा माननीय कुलपति की धर्मपत्नी श्रीमती संगीता राय, प्रो-कुलपति प्रो. मनुका खन्ना, संस्कृतिकी की निदेशक प्रो. आंचल श्रीवास्तव, महिला अध्ययन संस्थान की संयोजक डॉ. मनीनी श्रीवास्तव के साथ-साथ विभिन्न संकायों की महिला अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष और प्राध्यापकों ने बढ़ाई।
डॉ. मनीनी श्रीवास्तव ने बताया कि महिला अध्ययन संस्थान ने “रोपिंग टू यूनाइट” नामक एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इस प्रतीकात्मक आयोजन के तहत, कुलपति और सभी महिला प्राध्यापकों ने एक रस्सी को एक साथ पकड़कर एकता, शक्ति और सामूहिक सशक्तिकरण का संदेश दिया। उन्होंने समझाया कि यह रस्सी मात्र एक धागा नहीं, बल्कि जीवन रेखा है—एकजुटता, समर्थन और नारी सशक्तिकरण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक।
इस आयोजन का एक महत्वपूर्ण आकर्षण “अध्यावी”—महिला अध्ययन संस्थान का पहला नारीवादी, साहित्यिक और फिल्म सोसायटी—का आधिकारिक शुभारंभ था, जिसके साथ ही इसका मासिक समाचार पत्र भी जारी किया गया। यह पहल लिंग और नारीवाद पर संवाद, कलात्मक अभिव्यक्ति और बौद्धिक विमर्श के लिए एक सक्रिय मंच प्रदान करने का लक्ष्य रखती है।
समारोह में एक प्रतिभा प्रदर्शन और श्री अन्न पाक कला प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें प्राध्यापकों ने अपनी विविध प्रतिभाओं और पाक कौशल का प्रदर्शन किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में डॉ. मनीनी श्रीवास्तव और डॉ. हंसिका सिंघल ने गणेश वंदना की मनमोहक प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम का समापन संस्कृतिकी की निदेशक प्रो. आंचल श्रीवास्तव के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया।