लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय में स्थापित विधिक सहायता केंद्र के तत्वाधान में न्यायिक सक्रियता एवं मानवाधिकारों की सुरक्षा पर लेक्चर का आयोजन किया गया । सेशन की शुरुआत विधिक सहायता केंद्र के अध्यक्ष डॉ अभिषेक तिवारी के द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए की गई। सेशन की मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ)प्रीति मिश्रा, अधिष्ठाता एवं प्रोफेसर बी.बी.ए.यू, लखनऊ रहीं। उन्होंने मानवाधिकारों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “मानवाधिकार न केवल एक कानूनी अधिकार है, बल्कि यह हर व्यक्ति की गरिमा और सम्मान का प्रतीक भी है।
उसके पश्चात न्याय के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि “समानता सुनिश्चित करने के लिए न्याय रूढ़िवादिता से मुक्त होना चाहिए”l इस लेक्चर का उद्देश्य मानवाधिकारों की रक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम के दौरान प्रो. (डॉ) प्रीति मिश्रा ने मानवाधिकार से संबंधित विभिन्न केस स्टडीज को प्रस्तुत किया गया, जिससे दर्शकों को भारत में मानवाधिकारों और न्यायिक व्यवस्था के संबंधों की जानकारी प्राप्त हुई। कार्यक्रम के दौरान विधि संकाय के अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) बी.डी. सिंह, विधि संकाय, दिवतीय परिसर के निर्देशक प्रो. (डॉ) आर.के सिंह, विधिक सहायता केंद्र के अध्यक्ष डॉ. अभिषेक कुमार तिवारी, प्रो बोनो क्लब अध्यक्ष (डॉ) आलोक कुमार यादव, (डॉ.) भावना सिंह तथा अन्य फैकल्टी संकाय सदस्य उपस्थित रहे । लेक्चर के अंत में विधिक सहायता केंद्र की उपाध्यक्ष (डॉ) भावना सिंह ने सभी अतिथियों तथा उपस्थित छात्रों का आभार व्यक्त किया तथा व्याख्यान का समापन किया।