बिजनौर का गिरोह बॉलीवुड एक्टर मुश्ताक खान से दो लाख वसूल चुका है। अभिनेता मुश्ताक खान के इवेंट मैनेजर की तहरीर पर बिजनौर में रिपोर्ट दर्ज हुई है। गिरोह ने अभिनेता मुश्ताक खान को घर में बंधक बनाकर रखा गया था। वह बदमाशों से चंगुल से छूटने के बाद मस्जिद में भी छिपे थे।
कॉमेडियन सुनील पाल का अपहरण करने से पहले बिजनौर का गिरोह बॉलीवुड अभिनेता मुश्ताक खान से भी वसूली कर चुका है। नवंबर में लोगों को सम्मानित कराने के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनाने के बहाने मुश्ताक खान को बुलाया गया था। बाकायदा मुंबई से दिल्ली तक का फ्लाइट टिकट भी कराया। दिल्ली एयरपोर्ट से लेने के लिए बिजनौर की स्कॉर्पियो पहुंची थी। मंगलवार को अभिनेता मुश्ताक मोहम्मद खान के इवेंट मैनेजर शिवम यादव निवासी जोगेशपुरी वेस्ट मुंबई की तहरीर पर शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई।
इसमें कहा गया कि 15 अक्तूबर को मेरठ से राहुल सैनी ने मुश्ताक खान से वरिष्ठ लोगों को सम्मानित करने करने के लिए आयोजित कार्यक्रम के संबंध में बात की। कार्यक्रम के लिए राहुल सैनी ने रकम का भुगतान किया और 20 नवंबर का मुंबई से दिल्ली के लिए एक फ्लाइट टिकट बुक कराया। 20 नवंबर को मुश्ताक खान को दिल्ली एयरपोर्ट से राहुल सैनी द्वारा बुक कराई गई स्कॉर्पियो से रिसीव किया गया। यह स्कॉर्पियो मेरठ लेकर आने वाली थी, जिसमें ड्राइवर के साथ एक अन्य व्यक्ति भी सवार था।
उधर, जैन शिकंजी के पास ड्राइवर ने स्कॉर्पियो रोक ली और मुश्ताक को दूसरी गाड़ी में बैठा लिया। इस गाड़ी को भी स्कॉर्पियो का ड्राइवर ही चला रहा था। कुछ दूर चलने के बाद गाड़ी में दो अन्य लोग भी सवार हो गए। इसका मुश्ताक मोहम्मद खान ने विरोध किया। मगर, आरोपियों ने आतंकित करते हुए अपहरण कर लिया और अज्ञात जगह पर ले गए। इसके बाद उनका मोबाइल लेकर एकाउंट से दो लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार मुश्ताक खान का अपहरण करने के बाद बिजनौर लाया गया। यहां पर उन्हें दो दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया। किसी तरह छूटकर मुश्ताक अहमद 23 नवंबर को भाग गए। मोहल्ला चाहशीरी में मुश्ताक खान को रखा गया था, जिनसे दो लाख रुपये वसूले गए।
इस दौरान आरोपी शराब पार्टी करते रहे और बॉलीवुड एक्टर को प्रताड़ित भी करते रहे। मुश्ताक मोहम्मद खान को बदमाशों के चंगुल में रातभर यह आभास ही नहीं हुआ कि जंगल में हैं या आबादी में। 21 नवंबर की सुबह अजान की आवाज सुनी तो उन्हें आबादी के बीच होने का पता चला। बदमाशों के नशे में होने के बाद वह अपना सामान छोड़कर सिर्फ जूते लेकर भाग निकले और चाहशीरी की एक मस्जिद में शरण ली।
मस्जिद में मौलाना के फोन से ही उन्होंने सबसे पहली कॉल अपने बेटे को की। शिवम यादव के मुताबिक मुंबई से इतनी जल्दी बिजनौर जाना संभव नहीं था। ऐसे में गाजियाबाद और दिल्ली के परिचितों को भेजा गया। उनके पहुंचने तक मुश्ताक खान मस्जिद में ही रहे, जो उन्हें बिजनौर से लेकर आए। इसके बाद मुस्ताक काफी सदमे में आ चुके थे, खाना भी नहीं खाया। बाद में मुंबई पहुंचकर उन्हें दो दिन अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा।