लोकसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी सांसद इकरा हसन ने संविधान निर्माताओं को धन्यवाद दिया l उन्होंने संसद में अपने संबोधन के दौरान कहा कि मैं संविधान बनाने वालों की दूर दृष्टि को सलाम करती हूं l
कैराना से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने कहा कि मैं अपनी उम्मीदों को संविधान के साथ जोड़कर खासतौर पर ये बताना चाहती हूं कि आज देश पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यकों क समुदाय को अपने संवैधानिक अधिकारों और आजादी की हिफाजत (सुरक्षा) के लिए हर रोज मुश्किलों का सामना करना पड़ता है l
बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के कथन का जिक्र करते हुए इकरा हसन ने कहा, “आज ऐसा लगता है कि संविधान की किताब तो है पर इसे चलाने वालों का ईमान गुम हो गया है.” उन्होंने आगे कहा,”आज हिंदुस्तान में देश के हर वर्ग को किसी न किसी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है l मगर अल्पसंख्यक समुदाय खासतौर पर जो मुसलमानों पर कहर टूटा है वह किसी से छिपा नहीं है l ये लोग सिर्फ अपनी मजहबी (धार्मिक) पहचान की वजह से निशाने पर हैं.” l
सपा सांसद इकरा हसन ने अनुच्छेद 15 का हवाला देते हुए कहा, “संविधान कहता है कि देश के किसी भी नागरिक के साथ धर्म, जाति या किसी अन्य वजह से भेदभाव नहीं होना चाहिए, लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल उलट है.” उन्होंने दावा किया कि “देश में हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि हेट स्पीच, मॉब लिंचिंग, बुलडोजर के जरिये घरों को गिराने की घटनाएं आम हो गई हैं l खासतौर पर उत्तर प्रदेश में, जहां ऐसा लगा रहा है कि कानून के नाम पर जंगलराज चल रहा है l