मिशन शक्ति फेज 5 के अन्तर्गत लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग द्वारा “प्राचीन भारत में स्त्रियाँ ज्ञान और संस्कृति की संरक्षक ” विषय पर डा० एस0 एन0 कपूर सेवानिवृत्त प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग ने एक विद्वतापूर्ण व्याख्यान दिया। उन्होंने प्राचीन कालीन अनेक विदुषी स्त्रियों का उल्लेख किया तथा समाज में उनके योगदान की चर्चा की। पाणिनी की अध्याध्यायी में वर्णित स्त्री शब्द के शाब्दिक अर्थ विस्तारणी पर प्रकाश डाला।
उन्होंने स्वामी विवेकानंद की शिष्या आयरलैण्ड निवासी मारग्रेट एलिजाबेथ नोबेल के बारे में बताया जिनको स्वामी जी ने भगिनी निवेदिता का नाम दिया। साथ ही उनके बोधगया यात्रा एवं बुद्ध के समकालिक सुजाता का भी दृष्टांत दिया।
कार्यकम के प्रारंभ में विभागाध्यक्ष प्रो० अनिल कुमार ने मुख्य वक्ता प्रो० एस0एन0 कपूर एवं मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी डॉ. मानिनी श्रीवास्तव को पुष्पगुच्छ एवं शाल देकर सम्मानित किया। डॉ० मानिनी श्रीवास्तव ने कार्यक्रम की रुपरेखा एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन डॉ रश्मि सिंह ने किया। अंत में डॉ गरिमा भारती ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के दौरान विभाग के समस्त शिक्षक एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।