विटामिन-डी हमारी हड्डियों के लिए कितना जरूरी है इस बारे में तो आप जानते ही हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपकी फर्टिलिटी को भी प्रभावित कर सकता है। विटामिन-डी की कमी की वजह से महिलाओं और पुरुषों दोनों की ही फर्टिलिटी घट सकती है। आइए जानते हैं ऐसा क्यों होता है और कैसे इससे बच सकते हैं।
जिसे “सूरज का विटामिन” भी कहा जाता है, हमारे शरीर के लिए कई जरूरी काम करता है। हड्डियों को मजबूत बनाने से लेकर इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने तक, यह विटामिन हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि विटामिन-डी हमारी फर्टिलिटी को भी प्रभावित कर सकता। जी हां, विटामिन-डी रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है। इसलिए इसकी कमी की वजह से महिलाओं और पुरुषों की फर्टिलिटी प्रभावित हो सकती है। आइए डॉ. आस्था दयाल (सी.के. बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम में स्त्रिरोग एवं प्रसुति विभाग की निदेशक) से जानें कैसे और किस तरह इससे बचाव किया जा सकता है।
विटामिन डी की कमी और फर्टिलिटी का कनेक्शन
विटामिन डी की कमी महिलाओं और पुरुषों दोनों में फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकती है।
हार्मोनल संतुलन- विटामिन-डी हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है, जो रिप्रोडक्शन के लिए जरूरी है।
सूजन कम करना- विटामिन-डी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो रिप्रोडक्टिव सिस्टम में सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
ओवरीज का स्वास्थ्य- विटामिन-डी ओवरीज के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है, जिससे ओवुलेशन बेहतर होता है।
महिलाओं में- विटामिन-डी की कमी ओवुलेशन की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। ओवुलेशन के दौरान, ओवरीज से एक मेच्योर एग रिलीज होता है। विटामिन-डी की कमी के कारण रिप्रोडक्टिव हार्मोन, जैसे प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजेन हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है, जो ओवुलेशन को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा, विटामिन-डी की कमी पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) जैसी समस्याओं से भी जुड़ी हुई है, जो फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकती है। इसलिए जिन महिलाओं में विटामिन-डी की मात्रा सही होती है, वे आसानी से कंसीव कर पाती हैं और आईवीएफ सफल होने की संभावना भी उनमें ज्यादा रहती है।
पुरुषों में- विटामिन-डी की कमी स्पर्म की गुणवत्ता और मात्रा को प्रभावित कर सकती है। विटामिन डी, स्पर्म मोटिलिटी और स्पर्म को बेहतर बनाने में मदद करता है। विटामिन-डी की कमी से स्पर्म कमजोर और असामान्य आकार के हो सकते हैं, जिससे कंसीव करने में दिक्कत आ सकती है। पुरुषों में विटामिन-डी की कमी की वजह से टेस्टोस्टिरोन लेवल कम हो सकता है, जो फर्टिलिटी को प्रभावित करता है।
विटामिन-डी का लेवल कैसे बढ़ाएं?
सूरज की रोशनी– सूरज की रोशनी विटामिन-डी का सबसे अच्छा स्रोत है। रोजाना कुछ समय धूप में बैठें। सुबह 10 बजे से पहले की धूप इसके लिए बेस्ट है। इसके बाद धूप ज्यादा तेज हो जाती है और यूवी किरणों से स्किन डैमेज हो सकती है।
डाइट- मछली, अंडे, दूध और कुछ प्रकार के मशरूम विटामिन-डी के अच्छे स्रोत हैं।
सप्लीमेंट्स- अगर आप में विटामिन-डी की कमी है, तो डॉक्टर विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दे सकते हैं।
कब कराएं विटामिन डी का टेस्ट?
अगर आपको फर्टिलिटी से संबंधी कोई समस्या है या यदि आप प्रेग्नेंट होने की योजना बना रही हैं, तो अपने डॉक्टर से विटामिन-डी का टेस्ट करवाने के बारे में बात करें।
दी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी है,अमल में लाने से पहले चिकित्सक का परामर्श अवश्य ले ।