मुंबई में नए साल की पूर्व संध्या पर कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए 14,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि शहर के प्रमुख स्थानों जैसे गेटवे ऑफ इंडिया, मरीन ड्राइव, गिरगांव चौपाटी, बांद्रा बैंडस्टैंड, जुहू और वर्सोवा समुद्र तटों पर बड़ी भीड़ जमा होने की संभावना है। इसके अलावा, कई होटलों, रेस्तरां और मॉल्स में जश्न मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक जारी रहने की उम्मीद है।
इसलिए, पुलिस ने शहर में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए कड़ी निगरानी रखने के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि 12,000 से अधिक पुलिस कांस्टेबल, 2,184 अधिकारी, 53 सहायक आयुक्त, 29 उप पुलिस आयुक्त और आठ अतिरिक्त पुलिस आयुक्तों की तैनाती की गई है।
पुलिसकर्मी भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर साधे कपड़ों में भी तैनात रहेंगे, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। इसके अलावा, नए साल की खुशियों को लेकर शहर के विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी रखी जाएगी। राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ), क्विक रेस्पांस टीम, बम निरोधक दस्ते, दंगा नियंत्रण पुलिस और होमगार्ड्स की टुकड़ियां भी सुरक्षा में तैनात रहेंगी।
महत्वपूर्ण सड़कों पर नाकाबंदी (पुलिस चेक पोस्ट) भी की जाएगी और सड़कों पर गश्त बढ़ाई जाएगी। पुलिस के ट्रैफिक शाखा द्वारा शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा। साथ ही, महिलाओं से छेड़छाड़ और अवैध शराब बिक्री से संबंधित मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
महाराष्ट्र के बीड जिले में जारी किए गए सभी हथियार लाइसेंसों की पुलिस जांच कर रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस हर मामले में यह पुष्टि कर रही है कि व्यक्ति को बंदूक की वैध जरूरत है या नहीं।
सोमवार को बीड के पुलिस अधीक्षक नवनीत कंवत ने बताया कि जिन लोगों की बंदूक लहराते हुए तस्वीरें या वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
मध्य महाराष्ट्र के इस जिले में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति नौ दिसंबर को मासजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की नृशंस हत्या और उससे संबंधित जबरन वसूली के मामले के बाद सामने आई। पिछले एसपी का तबादला किए जाने के बाद हाल ही में बीड में कार्यभार संभालने वाले कंवत ने कहा, ‘हम सभी मामलों में हथियार लाइसेंस की जरूरत की जांच कर रहे हैं। जहां जरूरत नहीं होगी, हम लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश करेंगे।’
स्थानीय भाजपा विधायक सुरेश धास की मांग के बारे में पूछे जाने पर कि प्रत्येक मामले में यह भी जांच की जानी चाहिए कि किसी व्यक्ति को हथियार लाइसेंस जारी करने की सिफारिश किसने की थी, एसपी ने कहा, ‘पुलिस कानून और व्यवस्था की स्थिति और (आवेदक के) इतिहास को ध्यान में रखते हुए आवेदन की जांच करती है, लेकिन लाइसेंस जारी करने का अधिकार जिला कलेक्टर के पास है।’ उन्होंने कहा कि पुलिस जिले में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्प है।