संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से ग्राम विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा करछना /चाका तहसील के सरकारी ,गैर-सरकारी विद्यालयो मे पंद्रह दिवसीय कार्यशालाओ का आयोजन किया गया। 8 जनवरी से प्रारंभ अवधी लोक गीत और नृत्य कार्यशाला में चालीस बच्चों को प्रशिक्षण कलचर दीदी के नाम से प्रसिद्ध लोक गायिका कुसुम वर्मा प्रदान कर रही है । वहीं रंगोली कार्यशाला का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए लोकविधा में लखनऊ की बेहतरीन लोककला में सिद्धहस्त ज्योति किरन रतन का चयन किया गया है। ज्योति किरन रतन ने बताया की महाकुंभ महिमा को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक पूजा अवसर पर बनाये जाने वाली परंपरागत चौक और रंगोली जो देश के विभिन्न राज्यों का हिस्सा है उसको सिखाया है जिसकी प्रस्तुति बच्चों द्वारा कला कुभचित्रांकन सिखा रही है। व्रत , त्योहार से संबंधित चौक कैसे बनाएं यह भी सिखाया है। प्रत्येक डिजाइन के अर्थ के साथ।मसक बीन प्रशिक्षक, संतोष संग वेदानन्द “सांवरिया ” ने बताया बच्चे मशकबीन जैसे लुप्तप्राय स्वर वाद्य को सिखाने में जमकर मेहनत कर रहे हैं।
लखनऊ से आए जादू कार्यशाला प्रशिक्षक आफताब और सुरेश की जोड़ी नित नये जादू या कहें हाथ की सफाई से, बच्चे हैरान होकर मजे से सीख रहे है। अवधी लोकगीत/ नृत्य प्रशिक्षिका कल्चर दीदी कुसुम वर्मा और प्रकृति लखनऊ के संग छात्राओं का एक बड़ा समूह लोकगीत संग लोकनृत्य में गीतो संग ताल से मिला रही है। प्रशिक्षिका उपमा पाण्डेय अंबेडकर नगर के संग लड़कियों की टोली ,गंगा लहरिया गीत, गोदना गीत पर लोक स्वर साध रही है। ढेढ़ियां नृत्य प्रशिक्षक आनंद किशोर प्रयागराज के संग परांपरागत लोक शैली के नृत्य को छात्राओ का बड़ा समूह सीख रहा है लोक नृत्य नीतू सिंह मथुरा के संग मोर पंखों को पहनकर गीतों के साथ मयूर नृत्य और कृष्ण रास लीला को सीखने के लिए बच्चो का समूह बहुत मेहनत कर रहा हैं।, भजन श्रृंखला की रसधारा में बच्चे प्रशिक्षक मनोज गुप्ता के संग संगम तट के भजनों की रसधारा का रसपान कर रहे हैं।