कई बार सुबह उठते ही अजीब से विचार दिमाग में गोल गोल चक्कर काटने लगते हैं, और व्यक्ति चिंता में घीरा महसूस करता है. अधिकतर लोग नींद खुलने के बाद भी देर तक बिस्तर पर लेटे रहते हैं, देखने में यह सामान्य हो सकता है मगर वास्तविकता में यह मॉर्निंग एंजायटी की तरफ इशारा करता है.दिन भर में कई कारणो से बढ़ाने वाले चिंता और तनाव इस समस्या को गंभीर बना देते हैं।आईए जानते हैं कि किस तरह मॉर्निंग एंजायटी को दूर किया जा सकता है ,-
मॉर्निंग एंजाइटी के लक्षण
- व्यक्ति देर तक किसी गहरी सोच में डूबा रहता है,जिससे उसक़ो समय का अंदाजा नहीं हो पता।
- पेट में दर्द महसूस होने लगता है और चक्कर आने लगते हैं।
- बेवजह शरीर में थकान महसूस होती है और वर्क प्रोडक्टिविटी काम हों जाती हैँ.
- सर दर्द की समस्या बढ़ जाती है और छाती में भी भारीपन महसूस होने लगता है.
- नर्वसनेस बनी रहती हो और व्यक्ति बेवजह रोने और चिल्लाने लगता है।
मॉर्निंग एंजायटी से ऐसे पाए निजात
1.किसी भी समस्या को हल करने के लिए उसके कारणों की जांच करना जरूरी है. वे लोग जो मॉर्निंग एंजायटी से जूझ रहे हैं, उन्हें पहले तनाव की वजह की पहचान करनी चाहिए,इससे उसे सुलझाने में मदद मिलती है. अगर कोई बात चिंता का कारण बन रही है तो उसे सुलझाने की दिशा में कार्य करना चाहिए ।
2. नकारात्मक विचारों से राहत पाने के लिए आहार में मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें.इसके लिए आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां,नट्स, सीड्स और ओट्स और सबूत अनाज को शामिल करें. इससे कोटीसोल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
3. सुबह उठकर माइंडफूलनेस के लिए कुछ वक्त मेडिटेशन के लिए निकाले, उसके बाद एक्सरसाइज जरूर करें. इससे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने लगता है।जो मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है. एंन आई एच के अंसार सप्ताह में 5 दिन 30 मिनट एक्सरसाइज करने से तनाव को कम करने में मदद मिलती है।
4. उठने के साथ ही अपने एक के बाद एक सभी कार्यों को रूटीन से पूरा करने से तनाव की समयस्या दूर होने लगती है. व्यक्ति दिनभर एक्टिव रहता है और काम पूरा न होने की चिंता से मुक्ति मिल जाती है. इसके अलावा बिजी लाइफ में से भी टाइम आसानी से निकल आता है।
5 .किसी समस्या के बारे में देर तक सोचना चिंता को बढ़ा देता है.इससे व्यक्ति के विचारों में नकारात्मकता बढ़ जाती है.और मानसिक थकान का सामना करना पड़ता है. ऐसे में किसी व्यक्ति और परिस्थिति को लेकर नकारात्मक विचारधारा कायम न करें ।