ऑनलाइन फूड डिलीवरी एप जोमैटो ने अपने एक बड़े पद पर नौकरी निकली है. जोमैटो के सीईओ दीपेंद्र गोयल ने खुद इसके बारे में अपने एक पर जानकारी दी है.उन्होंने लिखा है कि उन्हें अपने लिए एक चीफ ऑफ स्टाफ की जरूरत है।
हालांकि इस ऑफर में एक शर्त है शर्त यह है की नौकरी की इच्छा रखने वाले उम्मीदवार को पहले कंपनी को 20 लख रुपए देने होंगे और 1 साल तक बिना सैलरी के यानी फ्री में काम करना होगा.
पूरा मामला क्या है
20 नवंबर शाम 6:00 बजे एक गरीब जोमैटो के सीईओ और फाउंडर दीपेंद्र गोयल ने अपने एक्श अकाउंट पर एक पोस्ट किया कि उन्हें एक के ऑफ स्टाफ की जरूरत है। इसके लिए बकायता दो कार्ड भी पोस्ट किए गए. जिसमें इस नौकरी से जुड़ी सारी जानकारी लिखी हुई है. इसी में लिखा है कि जो भी उम्मीदवार यह नौकरी करता है उसे पहले एक साल तक कोई सैलरी नहीं मिलेगी.. यहां तक कि उसे खुद 20 लख रुपए कंपनी को देने होंगे, जो ngo फीडिंग इंडिया को दान कर दिया जाएगा. हालांकि दूसरे साल से उम्मीदवार को 50 लाख रुपए से अधिक की सालाना सैलरी दी जाएगी.।पोस्ट में आगे लिखा है कि हमें एक ऐसा व्यक्ति चाहिए जिसके पास बहुत ज्यादा एक्सपीरियंस ना हो लेकिन उसके पास कॉमन सेंस हो, वह डाउन टू अर्थ हो, जीरो इंस्टॉलमेंट रखता हो और ग्रेड ए का कम्युनिकेशन स्किल हो. सबसे जरूरी बात की उसके पास लर्निंग माइंड सेट हो।
सीखने का मौका मिलेगा
दीपेंद्र गोयल ने आगे इस कार्ड में लिखा कि यह नौकरी आम नौकरियों से अलग होगी इसमें उम्मीदवार को जोमैटो और उसकी अन्य ब्रांच जैसे ब्लाइंकित, हाइपरप्योरे, डिस्ट्रिक्ट, और फीडिंग इंडिया के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए काम करना होगा. उन्होंने आगे लिखा कि यह भूमिका उन लोगों के लिए है, जो अपने रिज्यूम को नहीं बल्कि खुद को बेहतर बनाने की इच्छा रखते हैं, अगर आप यह नौकरी पाना चाहते हैं तो इसके लिए 200 शब्द का कवर लेटर लिखकर
[email protected] पर भेजना होगा
ट्रोल हो रहे दीपेंद्र गोयल
इस पोस्ट पर अब कई लोग जोमैटो और दीपेंद्र गोयल को ट्रोल कर रहे हैं, गब्बर नाम के एक यूजर ने लिखा,बुरा विचार सैलरी देना चाहिए, 3 महीने बाद अगर आपको लगता है कि उम्मीदवार सही नहीं है तो आप अपना बहुत सारा पैसा खो देगा. और उसे यहां से कड़वे अनुभव के अलावा कुछ नहीं मिलेगा. एक दूसरे यूजर इंदिरा ने लिखा, दीपी भाई अपने पिया मैनेजर के रूप में मुझे हायर कर लो, ताकि मैं तुम्हें भविष्य में ऐसे ट्वीट करने से रोक सकूं, द स्किन डॉक्टर नाम के एक यूजर ने लिखा, इसे पढ़ने के बाद तो मुझे नारायण मूर्ति भी संत लगने लगे हैं,.