दिल्ली : ओ.बी.सी मोर्चा के प्रदेश प्रभारी जय प्रकाश तोमर ने उपराज्यपाल को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने ये सवाल खड़ा किया है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शीश महल की चल रही जांच में पता चला है कि पीडब्ल्यूडी के नए दस्तावेज में अप्रैल 2022 से पीडब्ल्यूडी ने शीश महल में कोई निर्माण कार्य नहीं किया है। अप्रैल 2022 के बाद किस-किस ने शीश महल के अंदर कई बेहिसाब विलासिता की चौज सप्लाई की उनकी जांच होनी चाहिए। पंजाब के ड्रग्स माफिया व उद्योगपति ने अनुचित व अवैध तरीके से केजरीवाल के शीश महल में निर्माण कार्य करवाए उनकी विशेष जांच होनी चाहिए। चौंकाने वाली बात यह है कि एक सोने की परत वाला कमोड और सोने की परत वाला बेसिन था। जिसे अरविंद केजरीवाल अपने साथ ले गए थे
आगे उन्होंने कहा कि केजरीवाल इन चीजों को पीछे क्यों नहीं छोड़ना चाहते थे क्या वह किसी के सबूत थे। उन्हें यह सुपर लग्जरी चौज किसने गिफ्ट की और केजरीवाल ने इसके बदले में उन्हें क्या-क्या लाभ पहुंचाया। उनके इन लोगों से क्या रिश्ते थे। इस जांच से जल्द ही पता चल जाएगा कि किसके निर्देश पर ऐसे निर्माणों के लिए टेंडर जारी करने के नियमों का उल्लंघन किया गया और साथ ही जांच से यह भी पता चलेगा कि किसके निर्देश पर पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने ऐसे भवन निर्माण के लिए छोटे-छोटे टेंडर जारी किए, जो एम.सी.डी. से मंजूरी प्राप्त किए बिना किया गया था और दिल्ली शहरी कला आयोग ने इसकी प्रस्तुत योजना को अस्वीकृत कर दिया था। मैं आग्रह करता हूं कि इन सभी की विशेष जांच होनी चाहिए।
जानें क्या है केजरीवाल का शीशमहल :
‘ऑपरेशन शीशमहल’ ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नींद उड़ा रखी है। इसमें रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब तक यह सामने आ चुका है कि कैसे केजरीवाल के ‘महल’ को बनाने में नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाई गईं। इसे बनाने में पानी की तरह पैसा बहाया गया। रेनोवेशन की परमिश्न लेकर कंस्ट्रक्शन कराया गया। पुराने सीएम आवास को रेनोवेट कराने के बजाय पूरी की पूरी नई बिल्डिंग ही बना डाली गई। केजरीवाल के इस नए घर में तो पुराने सीएम आवास जितना गार्डन है। टेनिस कोर्ट और दर्जनों कारों की पार्किंग की जगह है। पब्लिक के पैसे से लाखों के पर्दे और कमोड लगाए गए। करोड़ों का मार्बल लगाया गया।
सीएम आवास में आठ-आठ लाख रुपए तक का एक पर्दा लगाया गया। सीएम आवास में लगे पर्दों पर कुल एक करोड़ रुपए खर्च हुए। कुल 23 पर्दों का ऑर्डर दिया गया था, जिनमें कुछ लगे और कुछ लगने बाकी हैं। शुरुआत में (2021-22 में) आठ पर्दे लगवाए गए थे, जिन पर 45 लाख खर्च हुए और दूसरे फेज में 15 पर्दों का ऑर्डर दिया गया और इनकी कीमत लगभग 51 लाख रुपए थी। केजरीवाल के सरकारी आवास में जो मार्बल लगा है, वह वियतनाम से मंगाया गया था। सुपीरियर क्लास के डियोर पर्ल मार्बल की कीमत एक करोड़ 15 लाख रुपए है, जिसकी फिटिंग भी अलग और खास तरीके से कराई जाती है।